Zero Waste Food Kya Hai :नमस्ते दोस्तों आज हम इस पोस्ट में जीरो वेस्ट फ़ूड क्या है? और इसे कैसे अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं इन सब के बारे में आपको पूरी जानकारी देने वाले हैं। एक बहुत ही पुरानी कहावत है जो मेरे दादाजी कहाँ करते थे “थाली में जितना लो उतना ही खाओ” हो सकता है ये कहावत आपने भी जरूर सुनी होगी।
लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम खाने की कद्र करना भूल चुके हैं। जिसकी वजह से प्रतिदिन हजारों टन खाना डस्टबिन में चला जाता है जबकि हमारे देश में करोड़ों लोग भूखे सोते हैं। यहीं से हमें अपने सोच को बदलना होगा और जीरो वेस्ट फ़ूड की तरफ कदम बढ़ाना होगा तो चलिए हम आपको बताते है Zero Waste Food Kya Hai.
जीरो वेस्ट फूड क्या होता है? | Zero Waste Food Kya Hai
Zero Waste Food का मतलब है खाना इस तरह से बनाना, खाना और इस्तेमाल करना कि उसमें से कुछ भी बर्बाद न हो। न तो किचन स्क्रैप, न बचा हुआ खाना और न ही पैकेजिंग। हर चीज़ या तो खा ली जाती है, दोबारा इस्तेमाल होती है या Compost बन जाती है। इसलिए मैं तो उतना ही खाना बनाता हूँ जितना मुझे खाना होता है।
Zero West Food का असली मकसद क्या है?
मेरे अनुसार जीरो वेस्ट फ़ूड का 4 मकसद है जो आपको जरुर जानने चाहिए।
- भोजन की बर्बादी रोकना
- प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा करना
- पर्यावरण को नुकसान से बचाना
- हर निवाले की कद्र करना सीखना
जब हम ज़रूरत से ज़्यादा नहीं बनाते, खाने को सहेज कर रखते हैं और बचा हुआ सही से इस्तेमाल करते हैं तो हम इसमे अपना योगदान दे रहें हैं।
जानें जीरो वेस्ट फूड की खास बातें
| बिंदु | समझाइए |
|---|---|
| खाना बर्बाद नहीं करना | जितना खाना चाहिए, उतना ही बनाएं और खाएं |
| बचे खाने को रीयूज़ करना | अगले दिन नई रेसिपी में बदलें |
| स्क्रैप का उपयोग | सब्जी के छिलके, डंठल, पत्ते आदि से स्टॉक या खाद |
| पैकेजिंग से बचाव | ढीली सब्ज़ी खरीदें, थैला साथ लाएं |
| स्थानीय और मौसमी खाना | ताज़ा और पर्यावरण के अनुकूल |
Zero Waste Food अपनाने के 7 आसान तरीके
1. खरीदारी से पहले प्लान बनाएं
घर में क्या है और क्या ज़रूरत है ये जानकर ही सब्ज़ी और खाने का सामान खरीदें। इससे आप न फालतू खरीदेंगे, न फालतू फेंकेंगे और आपका पैसा भी बचेगा।
2. सब्जियों और फलों के छिलकों का सदुपयोग करें
- आलू, लौकी, गाजर के छिलकों से सब्ज़ी या कटलेट बनाएं आपको जरुर पसंद आएगा।
- धनिया की डंठल से चटनी बना सकते है यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है।
- तरबूज़ के छिलके को फेने नहीं बल्कि उसका सब्ज़ी बनाकर खाएं।
किचन स्क्रैप को स्वाद में बदलना भी एक कला है जो मैं कई सालो से करता आया रहा हूँ।
3. बचे हुए खाने से नई रेसिपी तैयार करें
- दाल से पराठे बना सकते हैं।
- बासी चावल से पकोड़े या पुलाव भी बना सकतें हैं।
- सब्ज़ी और रोटी को मिलाकर रोल बनाएं बहुत ही टेस्टि लगता है।
ये खाने में बहुत ही स्वादिष्ट होता है और किचन में नया मज़ा भी लाता है इसलिए इसे आपको एक बार जरुर आजमाना चाहिए।
4. बड़े डिब्बों में खरीदारी कर के स्टोर करें
अगर आप छोटे-छोटे पैकेट्स में सामान लेते है तो आप देखते होंगे घर में बहुत ज़्यादा प्लास्टिक हो जाता होगा। इसलिए जब भी सामान खरीदे थोक में खरीदें और डिब्बों में रखें। इससे ना सिर्फ प्लास्टिक और कचरा कम होगा बल्कि पैसे की बचत भी होगी।
5. Composting को किचन में शामिल करें
जो बचा हुआ खाना या खराब स्क्रैप आप नहीं खा सकते उसे डस्टबिन में फेंकने के बजाय कंपोस्ट बिन में डालें। इससे आपकी जैविक खाद तैयार होगी जो आपके गमलों या बगीचे के काम आएगी। इसके बारे में और जानने के लिए ये पोस्ट पढ़े। घर में कम्पोस्टिंग बनाने के 5 आसान स्टेप
6. खाने को समझदारी से परोसे
जब भी आप घर में खाना परोसते हैं थाली में पहले कम खाना दें जिससे कोई बचा हुआ न रहे। पहले उसे खत्म करने के बाद ही दोबारा ले “बाद में ले लेना” की आदत को अपनाएं इससे फाल्तू का खाना वेस्ट नही होगा।
7. बचे खाने को दान करें
यदि आपके पास ज़्यादा खाना बचा है तो आस-पास किसी ज़रूरतमंद को दें या local food banks, temples, shelters आदि से संपर्क करें। ये सिर्फ ज़ीरो वेस्ट नहीं, बल्कि मानवता भी है। मेरे यहाँ काफी ज्यादा खाना बच जाता है तो मैं ऐसा ही करता हूँ।
जीरो वेस्ट फूड की हमारी संस्कृति
भारत में पहले से ही कई देसी तरीके जीरो वेस्ट फूड की मिसाल हैं:
- दोबारा तड़का मारना – जब भी खाना बच जाये बचे खाने को नया रूप देना।
- चटनी, आचार, पापड़ – ये चीजे जल्दी ख़राब नहीं होती इसलिए इन्हे लंबे समय तक इस्तेमाल करना।
- भोजन का आदर करना – थाली में कुछ न छोड़ना ऐसी आदत बनायें।
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. क्या जीरो वेस्ट फूड बनाना महंगा है?
नहीं, बल्कि इससे आपका किचन और बजट दोनों बेहतर होते हैं।
Q2. क्या जीरो वेस्ट सिर्फ शाकाहारी खाने में संभव है?
नहीं, यह सभी प्रकार के खाने में अपनाया जा सकता है – बस समझदारी से उपयोग करना होता है।
Q3. क्या जीरो वेस्ट किचन के लिए स्पेशल बर्तन या चीज़ें चाहिए?
नहीं, आपके पास जो है उसी से शुरू कर सकते हैं – बस नज़रिए की ज़रूरत है।
Q4. बच्चों को कैसे सिखाएं?
उन्हें थाली में कम खाना देना शुरू करें और बचे खाने से बनी रेसिपी में शामिल करें।
निष्कर्ष: खाने की कद्र करें, कचरा नहीं बनाएं
जीरो वेस्ट फूड सिर्फ एक तरीका नहीं बल्कि सोच है खाने को सम्मान देने की। हर बार जब आप छिलके से चटनी बनाते हैं या बचे खाने को दोबारा इस्तेमाल करते हैं आप पर्यावरण, समाज और खुद के लिए एक ज़िम्मेदार कदम उठाते हैं।
थाली से लेकर धरती तक हर निवाला मायने रखता है। तो चलिए आज से अपने किचन को जीरो वेस्ट फूड बनाने का वादा करते हैं। तो दोस्तों अगर हमारी दी गयी जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे और भी लोगो के साथ शेयर करें जिससे वह भी अपने जीवन में जीरो वेस्ट फ़ूड अपना सकें।

(Author)
Shiv Bhardwajदिल्ली निवासी और ZeroWasteCook.in के संस्थापक हैं।वे पिछले 4 वर्षों से भारतीय किचनों को प्लास्टिक-मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनकी Zero Waste यात्रा एक साधारण बदलाव से शुरू हुई जब उन्होंने बाजार से प्लास्टिक की जगह खादी का थैला उठाया और अपने किचन में स्टील के डिब्बों को जगह दी।
