What Are 5 Ways to Reduce Plastic Waste in India: हेलो दोस्तों कैसे है आप सब आज के पोस्ट में हम आपको बताने वाले है 5 आसन तरीके जो प्लास्टिक से छुटकारा पाने में आपकी मदद करेंगे. आज के समय में हम सब अपने रोज़मर्रा के जीवन में प्लास्टिक से इतने घिरे हुए हैं कि अब हमें पता भी नहीं चलता कि कब, कहां और कितना प्लास्टिक इस्तेमाल हो रहा है।
चाहे दूध की थैली हो, सब्ज़ी की पैकिंग, पानी की बोतल या खाने का पैकेट हर चीज़ में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है। अब ज़रा सोचिए ये प्लास्टिक सड़ता नहीं है और अगर जलता है तो वायु को ज़हरीला बना देता है और रिसाइकल भी बहुत मुश्किल से होता है।
इसका मतलब है कि जितना ज़्यादा हम प्लास्टिक इस्तेमाल करेंगे उतना ही ज्यादा कचरा हम धरती पर इकठ्ठा कर रहे हैं। इसलिए आज बात करेंगे 5 ऐसे आसान और असरदार तरीकों के बारे में जिनसे आप प्लास्टिक का उपयोग कम कर सकते हैं वो भी बिना ज़्यादा खर्च और झंझट के।
What Are 5 Ways to Reduce Plastic Wastein India
1. कपड़े के थैलों को अपनाएं, प्लास्टिक बैग को कहें अलविदा
हर बार जब आप बाजार से सब्ज़ी या सामान लेने जाते हैं और प्लास्टिक की थैली लेते हैं तो आप एक और नया बोझ धरती पर डाल देते हैं। अब सोचिए अगर हर भारतीय हर हफ्ते एक प्लास्टिक बैग ले तो एक महीने में करोड़ों बैग कूड़े में जाएंगे।
उपाय:
- अपने घर के बाहर जाते समय हमेशा कपड़े का थैला साथ रखें।
- स्कूटर या कार में हमेशा 2–3 थैले रखें।
- पुराने कपड़ों से खुद थैला बनाएं खर्च भी नहीं होगा और काम भी आएगा।
मेरा अनुभव: मैंने जब एक बार प्लास्टिक बैग मना किया और अपने थैले में सब्ज़ी ली तो सब्ज़ीवाले ने कहा “भाईसाहब आप जैसे लोग बहुत कम मिलते हैं।” वो सुनकर मुझे बहुत अच्छा लगा और तब से मैंने प्लास्टिक का इस्तेमाल करना छोड़ दिया।
2. पानी की बोतल साथ लेकर चलें और सिंगल यूज़ से बचें
दुकानों या रेस्टोरेंट्स से हर बार नई प्लास्टिक बोतल खरीदना न सिर्फ पैसे की बर्बादी है बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान है। कुछ बोतलें ऐसी होती है जो बहुत बार रिसाइकल भी नहीं हो पातीं हैं।
उपाय:
- एक स्टील या ग्लास की पानी की बोतल खरीदें और बाहर जाते वक्त साथ रखें।
- ऑफिस, स्कूल, यात्रा हर जगह अपने बोतल का इस्तेमाल करें।
- बच्चों को भी टिफिन के साथ बोतल देना न भूलें।
बोनस टिप: गर्मियों में स्टील बोतल में पानी ठंडा रहता है और आप बार-बार बाहर की बोतल खरीदने से बच जाते हैं।
3. एक ही बार में थोक में सामान खरीदें
अक्सर हम रोज़मर्रा की चीज़ें छोटी-छोटी पैकिंग में खरीदते हैं जैसे नमकीन, बिस्किट, ड्राय फ्रूट, तेल आदि। ये सब प्लास्टिक या मल्टीलेयर पैकेजिंग में आते हैं जिन्हें रिसाइकल करना बहुत कठिन है।
उपाय:
- दाल, चावल, मसाले, तेल जैसे सामान को थोक में खरीदें।
- अपने कंटेनर साथ लेकर जाएं प्लास्टिक पैकिंग से बचाव होगा।
- नजदीकी रिफिल स्टोर या किराना दुकान से बड़ी मात्रा में लें।
मेरा अनुभव: मैंने जब थोक में सामान लेना शुरू किया तो न सिर्फ पैकिंग वेस्ट कम हुआ बल्कि हर महीने ₹200–₹300 की बचत भी होने लगी।
4. डिस्पोजेबल चीज़ों से दूरी बनाएं
हर पार्टी, शादी या ट्रैवल में हम डिस्पोजेबल कप, प्लेट्स, स्पून, स्ट्रॉ का खूब इस्तेमाल करते हैं। ये सब सिंगल यूज़ प्लास्टिक होता है जो सीधा डंपिंग ग्राउंड या नदी में फेक दिया जाता है।
उपाय:
- स्टील या इको-फ्रेंडली बर्तन (जैसे सुपारी के पत्ते वाली प्लेटें) का इस्तेमाल करें।
- बाहर जाते वक्त स्टील की स्पून और कप बैग में रखें।
- बच्चों के बर्थडे या स्कूल फंक्शन में डिस्पोजेबल की बजाय रियूज़ेबल बर्तन का सुझाव दें।
फायदे:
- प्लास्टिक कचरा बहुत कम होगा।
- पैसे की बचत होगी।
- स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित है।
5. घर में कंपोस्टिंग शुरू करें – गीला कचरा न फेंकें
जब हम गीला कचरा (सब्ज़ियों के छिलके, बचा हुआ खाना) को प्लास्टिक के साथ फेंकते हैं तो न वो प्लास्टिक रिसाइकल हो पाता है न जैविक कचरा कंपोस्ट बन पाता है।
उपाय:
- घर में दो कूड़ेदान रखें – एक सूखा और एक गीला।
- गीला कचरा एक डब्बे में जमा करें और उससे कंपोस्ट बनाएं।
- कंपोस्टिंग बिन ऑनलाइन या लोकल मार्केट से सस्ते में मिल जाते हैं।
मेरा अनुभव: मैंने बालकनी में एक छोटा कंपोस्ट बिन रखा है। उसमें सब्ज़ी के छिलके डालता हूं और 30 दिन बाद अच्छी जैविक खाद मिलती है, जो पौधों के लिए अमृत समान है।
प्लास्टिक वेस्ट कम करने से क्या फ़ायदा है?
| फ़ायदा | विवरण |
|---|---|
| पर्यावरण संरक्षण | नदी, जमीन, हवा – सब साफ़ रहते हैं |
| सेहत में सुधार | माइक्रोप्लास्टिक से बचाव |
| पैसे की बचत | बार-बार खरीदने की ज़रूरत नहीं |
| बच्चों को अच्छी सीख | अगली पीढ़ी को जिम्मेदारी सिखाना |
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या पूरी तरह प्लास्टिक से बचा जा सकता है?
शायद नहीं, लेकिन 70–80% प्लास्टिक को आसानी से बदला जा सकता है अगर हम चाहें तो।
2. क्या थोक में सामान खरीदना महंगा है?
नहीं, ये तो उल्टा सस्ता होता है और प्लास्टिक पैकिंग से छुटकारा भी मिलता है।
3. क्या स्टील की बोतल महंगी नहीं होती?
शुरुआत में थोड़ा महंगा लग सकता है लेकिन ये सालों चलती है और सेहत के लिए भी सुरक्षित होती है।
4. क्या कंपोस्टिंग से बदबू आती है?
नहीं, अगर सही तरीके से किया जाए तो बिल्कुल नहीं आती।
5. क्या छोटे बच्चों को भी Zero Waste सिखाया जा सकता है?
बिलकुल! बच्चे जल्दी सीखते हैं और खुद भी दूसरों को बता सकते हैं।
निष्कर्ष: छोटा कदम, बड़ा बदलाव
प्लास्टिक वेस्ट कम करने की शुरुआत मुश्किल नहीं है। बस आपको हर दिन एक छोटा निर्णय लेना है “आज मैं प्लास्टिक बैग नहीं लूंगा, आज मैं अपनी बोतल लेकर जाऊंगा, आज मैं थोक में खरीदूंगा“।
इन 5 आसान तरीकों से आप अपने जीवन में बहुत बड़ा फर्क ला सकते हैं। ये न केवल आपके लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक तोहफा होगा। तो आज से प्लास्टिक कम करने का एक संकल्प लीजिए अपने घर, शहर और धरती के लिए।
उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी What Are 5 Ways to Reduce Plastic Waste पसंद आई होगी। यदि आपका किसी भी प्रकार का सवाल है तो हमें निचे कमेन्ट बोक्स में कमेन्ट कर के जरुर बताएं।

(Author)
Shiv Bhardwajदिल्ली निवासी और ZeroWasteCook.in के संस्थापक हैं।वे पिछले 4 वर्षों से भारतीय किचनों को प्लास्टिक-मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनकी Zero Waste यात्रा एक साधारण बदलाव से शुरू हुई जब उन्होंने बाजार से प्लास्टिक की जगह खादी का थैला उठाया और अपने किचन में स्टील के डिब्बों को जगह दी।
