Composting Guide in Hindi 2025 – क्या तुमने कभी सोचा कि तुम्हारे किचन का कचरा, जैसे सब्जियों के छिलके, चायपत्ती, या बासी खाना, बेकार नहीं बल्कि खजाना हो सकता है? जी हाँ, मैं बात कर रहा हूँ कम्पोस्टिंग की! पिछले साल जब मैंने दिल्ली में अपने छोटे से अपार्टमेंट में जीरो-वेस्ट किचन बनाने की शुरुआत की तो कम्पोस्टिंग मेरे लिए गेम-चेंजर साबित हुई। न सिर्फ मेरा कचरा 50% कम हुआ बल्कि मेरे गमलों में लगे तुलसी और धनिया के पौधों को मुफ्त में शानदार खाद मिल गई।
Composting Guide in Hindi
इस लेख में हम आपको बताएंगे की कम्पोस्टिंग कैसे शुरू करें? Composting Guide in Hindi वो भी सस्ते, आसान और बिना किसी महंगे सामान के। चाहे तुम दिल्ली, मुंबई, या किसी छोटे शहर में रहते हो ये टिप्स तुम्हारे लिए काम करेंगे।
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कम्पोस्टिंग क्या है और क्यों जरूरी है?
Composting एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसमें किचन का ऑर्गेनिक कचरा (जैसे सब्जी के छिलके, फल, चायपत्ती) डीकंपोज़ होकर खाद में बदल जाता है। ये खाद तुम्हारे पौधों के लिए “सुपरफूड” की तरह है। मेरे लिए कम्पोस्टिंग शुरू करने की सबसे बड़ी वजह थी कचरे को कम करना और पर्यावरण को बचाना।
कुछ फैक्ट्स:
- कचरा कम करें: भारत में हर दिन 1.5 लाख टन कचरा निकलता है, जिसमें 50% ऑर्गेनिक होता है (CPCB डेटा)। कम्पोस्टिंग से ये कचरा लैंडफिल्स में जाने से बचता है।
- पौधों के लिए खाद: केमिकल फर्टिलाइज़र्स की जगह कम्पोस्ट पौधों को हेल्दी बनाता है।
- सस्ता और आसान: तुम्हें बस एक पुरानी बाल्टी और थोड़ा धैर्य चाहिए। मैंने ₹100 में शुरू किया!
घरों में कम्पोस्टिंग कैसे शुरू करें?
मैंने अपने दिल्ली के अपार्टमेंट में एक पुरानी बाल्टी से कम्पोस्टिंग शुरू की थी। शुरुआत में मुझे लगा कि ये मुश्किल होगा, लेकिन ये इतना आसान निकला कि अब मेरे पड़ोसी भी मेरे टिप्स फॉलो करते हैं! यहाँ स्टेप-बाय-स्टेप गाइड है:
स्टेप 1: सही कंटेनर चुनें
- क्या यूज करें?: एक पुरानी बाल्टी, गमला, या प्लास्टिक का डिब्बा (10-20 लीटर)। मैंने अपने किचन की पुरानी 15-लीटर बाल्टी यूज की।
- टिप्स:बाल्टी में 5-6 छोटे छेद (हवा के लिए) ड्रिल करें। ढक्कन ज़रूरी है ताकि गंध न आए।
- कहाँ से लें?:घर में पुराना गमला या बाल्टी यूज करें। नया चाहिए? लोकल मार्केट्स (जैसे सरोजिनी नगर) या Flipkart पर ₹100-₹300 में मिलेगा।
स्टेप 2: ग्रीन और ब्राउन मटेरियल इकट्ठा करें
कम्पोस्टिंग के लिए दो तरह का कचरा चाहिए:
- ग्रीन (नाइट्रोजन-रिच): सब्जी/फल के छिलके, चायपत्ती, बासी खाना, कॉफी ग्राउंड्स।
- ब्राउन (कार्बन-रिच): सूखे पत्ते, अखबार, कार्डबोर्ड, चूरा।
- मेरा अनुभव: मैं रोज़ के किचन वेस्ट (आलू के छिलके, चायपत्ती) को ग्रीन के लिए यूज करता हूँ। ब्राउन के लिए मैंने अपने अपार्टमेंट के गार्डन से सूखे पत्ते इकट्ठे किए।
- टिप्स: 1:2 रेशियो रखो (1 हिस्सा ग्रीन, 2 हिस्सा ब्राउन) ताकि गंध न आए।
स्टेप 3: कम्पोस्टिंग प्रोसेस शुरू करें
- बाल्टी में सबसे नीचे सूखे पत्ते या अखबार की परत बिछाओ।
- रोज़ के किचन वेस्ट (ग्रीन) को छोटे टुकड़ों में काटकर डालो।
- ऊपर से ब्राउन मटेरियल (सूखे पत्ते, अखबार) डालो।
- हर 2-3 दिन में लकड़ी के चम्मच से मिक्स करो ताकि हवा मिले।
- थोड़ा सा पानी छिड़को अगर मिश्रण बहुत सूखा लगे (नम, लेकिन गीला नहीं)।
- मेरा अनुभव: मैंने पहली बार गलती से ज्यादा पानी डाल दिया, जिससे गंध आई। अब मैं नम रखता हूँ, और कोई गंध नहीं!
स्टेप 4: धैर्य रखें और चेक करें
- कम्पोस्ट बनने में 6-8 हफ्ते लगते हैं। तैयार कम्पोस्ट काली, मिट्टी जैसी, और बिना गंध की होगी।
- मेरा अनुभव: मेरी पहली कम्पोस्ट 7 हफ्ते में तैयार हुई। मैंने इसे अपने तुलसी के पौधे में डाला, और अब वो दोगुना बड़ा है!
- टिप्स:अगर गंध आए, तो ब्राउन मटेरियल (सूखे पत्ते) और डालो।
स्टेप 5: कम्पोस्ट यूज करें
- तैयार कम्पोस्ट को गमलों, किचन गार्डन, या पौधों में डालो।
- टिप्स:बची हुई कम्पोस्ट को स्टील के डिब्बे में स्टोर करो। मैंने अपने गमलों में डालकर धनिया और पुदीना उगाया।
क्या डालें और क्या नहीं?
- डालें:
- सब्जी/फल के छिलके (आलू, गाजर, केला)
- चायपत्ती, कॉफी ग्राउंड्स
- बासी चावल, रोटी (बिना तेल/मसाले)
- सूखे पत्ते, अखबार, कार्डबोर्ड
- न डालें:
- तेल, मसाले, या डेयरी प्रोडक्ट्स (दूध, दही)
- मांस, मछली, या हड्डियाँ
- प्लास्टिक, मेटल, या ग्लास
- मेरा अनुभव: मैंने एक बार गलती से तेल वाली रोटी डाल दी, जिससे चीटियाँ आ गईं। अब मैं सिर्फ ऑर्गेनिक वेस्ट डालता हूँ।
घरों के लिए खास टिप्स
- छोटे स्पेस:अपार्टमेंट में रहते हो? एक 10-लीटर बाल्टी काफी है। मैं अपने किचन की खिड़की के पास रखता हूँ।
- लोकल रिसोर्सेस: सूखे पत्ते अपने अपार्टमेंट के गार्डन या पार्क से इकट्ठे करो। अखबार घर में ही मिल जाएगा।
- बजट: कम्पोस्टिंग के लिए कोई महंगा सामान नहीं चाहिए। मैंने ₹100 की बाल्टी से शुरू किया।
- लोकल मार्केट्स:दिल्ली (खारी बावली), मुंबई (क्रॉफर्ड मार्केट), या जयपुर (जोहरी बाजार) में सस्ते गमले/बाल्टियाँ मिलती हैं।
- कम्युनिटी: अपने पड़ोसियों को कम्पोस्टिंग के बारे में बताओ। मैंने अपने फ्लैट की आंटी को सिखाया और अब वो भी कम्पोस्ट बनाती हैं!
मेरा अनुभव: 3 महीने में क्या बदला?
जब मैंने Composting शुरू की, तो मुझे लगा कि शायद गंध आएगी या जगह की कमी होगी। लेकिन एक पुरानी बाल्टी और रोज़ के किचन वेस्ट से मैंने 3 महीने में 5 किलो खाद बनाई। मेरा कचरा आधा हो गया, और मेरे पौधे पहले से ज़्यादा हरे-भरे हैं। अब मैं अपने दोस्तों को WhatsApp पर कम्पोस्टिंग टिप्स शेयर करता हूँ, और 3 लोग मेरे टिप्स से शुरू कर चुके हैं!
आज से ही शुरू करो कम्पोस्टिंग
Composting शुरू करना आसान है बस एक पुरानी बाल्टी लो और अपने किचन वेस्ट को इकट्ठा करो और धैर्य रखो। हर छिलका जो तुम कम्पोस्ट करते हो वो लैंडफिल में जाने से बचता है। आज ही अपने किचन से एक कदम उठाओ और तब तक मत रुको जब तक आपको संतोष न मिल जाए।
हमने आपको इस पोस्ट में बहुत ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश की है अगर आपको हमारी यह जानकारी Composting Guide in Hindi अच्छी लागि तो हमें कमेन्ट में जरूर बताए और इसे अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करें।

(Author)
Shiv Bhardwajदिल्ली निवासी और ZeroWasteCook.in के संस्थापक हैं।वे पिछले 4 वर्षों से भारतीय किचनों को प्लास्टिक-मुक्त बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। उनकी Zero Waste यात्रा एक साधारण बदलाव से शुरू हुई जब उन्होंने बाजार से प्लास्टिक की जगह खादी का थैला उठाया और अपने किचन में स्टील के डिब्बों को जगह दी।
